________________ 22 फिलासफी एण्ड सोशल एक्शन दूसरे, जहां पार्टी के अन्दर वाद-विवाद के बाद सभी प्रश्नों पर एकात्मक रुख अपनाने नियमों के निर्माता लेनिन ने अपने सुप्रसिद्ध निबन्ध 'पार्टी संगठन और पार्टी साहित्य' में स्पष्ट कहा था कि साहित्य को 'सर्वहारा वर्ग की पार्टी के लक्ष्य के अन्य पक्षों के साथ यांत्रिक रूप से एक रूप नहीं बनाया जा सकता' और साहित्य पर 'यांत्रिक समंजन अथवा उसको एक स्तर बनाने, या अल्पमत के ऊपर बहुमत के नियम नहीं चलते।' उन्होंने कहा कि साहित्य क्षेत्र में पार्टी को "व्यक्तिगत पहलकदमी, व्यक्तिगत रुझान, विचार और फंतासी तथा विविध रूप तत्व और वस्तुत्व के लिए" अधिकाधिक गुंजाइश देखनी चाहिए। ___ अतः साहित्यकार की प्रतिबद्धता में श्रमजीवी वर्ग के जीवन दर्शन की ही नहीं, साहित्य और कलाओं को अनुभूति प्रधानता तथा रचनाकार को मौलिक प्रतिमा को इस विश्लेषण से स्पष्ट है कि साहित्यकार की प्रतिबद्धता में श्रमजीवी जनता से तादात्म्य वह मूल विन्दु है जिससे आगे बढ़कर साहित्यकार समाज में वर्गों और व्यक्तियों के आपसी सम्बन्धों तथा अन्तरप्रक्रियाओं को समझने के लिए श्रमजीवी जनता की दृष्टि से यथार्थ को सक्षमतः देखने की क्षमता जुटाता है और जन-जीवन को एक रचनात्मक शक्ति स्वीकार कर उससे भाषा, शिल्प और कला-रूपों का निर्माण करने के लिए आवश्यक सामग्री प्राप्त करते हुए अपनी कला को एक आत्मीय और नया रूप देता है। आधुनिक साहित्यशास्त्र में साहित्यकार की प्रतिबद्धता का सिद्धांत अत्यन्त महत्वपूर्ण उपलब्धि है / . *अखिल भारतीय लेखक सम्मेलन के प्रथम अधिवेशन (बम्बई-मार्च 1975) में पढ़ा गया लेख। तीसरी दुनिया के बारे में हां, हम कट्टर ही सही। क्योंकि हम रोटी को इन्सान की सबसे बड़ी जरूरत कहते हैं / और बन्दूक को उसे पाने का संबसे सही रास्ता मानते हैं। रूपान्तर : नरेश कुमार क्यूबा के कवि: डेविड फर्नान्डेज चेरीसीयान (जन्म : 1940)