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________________ Jain E wwwˇˇˇˇˇˇˇˇˇˇˇˇ ७८२ : मुनि श्रीहजारीमल स्मृति ग्रन्थ : चतुर्थ अध्याय उत्सर्ग कर दिए. इसलिए जेम्स टाड के उक्त कथन के अंतिम भाग को इस प्रकार संशोधित करना सर्वथा उपयुक्त होगा " और कदाचित् ही कोई ऐसा नगर हो जिसने लियोनिडास जैसा योद्धा तथा होमर जैसा कवि नहीं उत्पन्न किया हो." "राजस्थानी साहित्य' से अनेक तात्पर्य हो सकते हैं. यथा -१ राजस्थानी भाषा में रचित साहित्य, २. राजस्थान में रचित संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, ब्रज, खड़ीबोली, उर्दू और फारसी भाषाओं का साहित्य ३ राजस्थानियों का साहित्य, फिर चाहे वह किसी भी भाषा में रचित हो, ४. राजस्थान से सम्बन्धित साहित्य, चाहे वह किसी भी विषय अथवा भाषा में रचित हो. 'राजस्थानी साहित्य' से अभिप्राय उक्त परिभाषाओं में से प्रथम परिभाषा अर्थात् "राजस्थानी भाषा में रचित साहित्य" मानना ही उपयुक्त होगा. राजस्थानी साहित्य का वर्गीकरण : राजस्थानी साहित्य का वर्गीकरण श्री नरोत्तमदास जी स्वामी और रामनिवास जी हारीत ने निम्नलिखित दो भागों में किया है : १. साहित्य. २. साधारण बोलचाल की राजस्थानी का साहित्य. ' श्री नरोत्तमदास जी स्वामी ने शैलियों की दृष्टि से राजस्थानी साहित्य को तीन भागों में विभक्त किया है १. जैन-शैली २. चारणी-शैली ३. लौकिक-शैली. " ર डॉ० हीरालाल माहेश्वरी ने राजस्थानी की साहित्य धनियाँ चार मानी हैं १. जैन-शैली, २. चारण-सी संत-सी और ४, लौकिक-शैली 3 श्री सीतारामजी लालस ने राजस्थानी साहित्य को निम्नलिखित चार भागों में विभक्त किया हैं १. जैन साहित्य, २. चारण-साहित्य २. भक्ति-साहित्य और ४. लोक-साहित्य. * राजस्थानी साहित्य के उक्त सभी वर्गीकरण अपूर्ण हैं क्योंकि इनमें राजस्थानी साहित्य के विषय प्रमुख रूपों का समावेश नहीं हो पाता. राजस्थानी साहित्य का वर्गीकरण निम्नलिखित सात भागों में करना सर्वथा समीचीन होगा१. जैन साहित्य २. गलहत्य ३. पिंगल - साहित्य, ४. पौराणिक एवं भक्ति-साहित्य, ५. संत-साहित्य, ६. लोक-साहित्य, और ७. आधुनिक साहित्य. हमारे देश में कालक्रमानुसार क्रमश: वैदिक ( छान्दस), संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश नामक प्राचीन भाषाओं का प्रभुत्व रहा. राजस्थानी भारतीय आर्य भाषा परिवार की एक आधुनिक भाषा मानी गई है. राजस्थानी भाषा का १. राजस्थान रा दूहा भाग १, नवयुग साहित्य मन्दिर पो० वा० नं० ७८ दिल्ली प्रथम संस्करण १९३५ ई०, प्रस्तावना पृ० ४२. २. राजस्थानी साहित्य एक परिचय, नवयुग ग्रन्थ कुटीर, बीकानेर. आधुनिक पुस्तक भवन, ३०/३१ कलाकार स्ट्रीट, कलकत्ता, ७. ३. राजस्थानी भाषा और साहित्य, पृ० ५. - राजस्थानी शोध-संस्थान, चोपासनी, जोधपुर, ४, राजस्थानी शब्दकोष, प्रस्तावना, पृ० ८४. Pr SalsaNanas ZINSENSEISENESEABE besty.org
SR No.211841
Book TitleRajashtnani Sahitya me Jain Sahityakaro ka Sthan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Manoriya
PublisherZ_Hajarimalmuni_Smruti_Granth_012040.pdf
Publication Year1965
Total Pages10
LanguageHindi
ClassificationArticle & Literature
File Size2 MB
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