________________ डॉ. फूलचन्द जैन "प्रेमी" 28. दर्शनसार, 24-28 29. जैनशिलालेखसंग्रह, भाग 2, पृ. 213-214 (यापनीय और उसका साहित्य, पृ. 56 से उद्धृत) 30. पं. बुलाकीचन्दकृत वचनकोश (यापनीय और उसका साहित्य, पृ. 59 से उद्धृत) 31. जैनशिलालेख संग्रह, भाग 3, प्रस्तावना, पृ. 62 32. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, भाग 2, पृ. 57 फूलचन्द जैन "प्रेमी", अध्यक्ष, जैन दर्शन विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी-2. 140 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org