________________ इसमें एक पुत्र प्रियंकर गोदमें तथा दूसरा शुभंकर दाहिने हाथमें आमोंके गुच्छोंको पकड़े हुये पैरोंके पास खड़ा है / मूर्तिके दोनों ओर लताओंके मध्य विभिन्न वाद्योंको बजाती हुई मूर्तियाँ उत्कीर्ण है / ऊपर नेमिनाथ ध्यानी अवस्थामें हैं। नीचे पीठिकापर वाहन सिंह बैठा है / यह ग्यारहवीं शदीकी है / यह अमेरिकाको स्टेणहल गैलरीमें प्रदर्शित मूर्तिसे साम्य रखती है। ___ म्युनियम फर वोल्कारकुण्डे, म्यूनिख, फिलेडोल्फया म्यूजियम आफ आर्ट, एशियन आर्ट म्यूजियम सेन फ्रांसिस्को तथा वर्जीनिया म्यूजियम आफ आर्ट, रिछमोन्डमें अम्बिकाकी बहुत सुन्दर मूर्तियाँ संग्रहीत हैं / इनका उल्लेख कलापारखी विद्वान डा. व्रजेन्द्रनाथ शर्माने अपनी पुस्तक जैन प्रतिमायें में किया है / वास्तवमें, ये मूर्तियाँ इतनी सुन्दर और अनूठी रही होगी कि विदेशी विद्वान भी इनके संग्रहणका लोभ संवरण नहीं कर सके। -328 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org