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________________ जैन दार्शनिक साहित्य में ज्ञान और प्रमाण के समन्वय का प्रश्न सन्दर्भ-ग्रन्थ-सूची 1. दलसुखभाई मालवणिया-आगमयुग का जैनदर्शन, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा 2. सिद्धसेन-सन्मति प्रकरण-पं० सुखलालजी, ज्ञानोदय ट्रस्ट 3. सिद्धसेन-न्यायावतार, प्रस्तावना-पं० सुखलालजी 4. उमास्वाति-तत्त्वार्थसूत्र-पं० सुखलालजी, जैन साहित्य प्रकाशन समिति, अहमदाबाद 5. पं० अमृतलाल भोजक-अनुयोगद्वारसूत्र, महावीर जैन विद्यालय 6. अमोलक ऋषि-नन्दिसूत्र, सुखदेव सहाय ज्वाला प्रसाद जोहरी, हैदराबाद 7. कुन्दकुन्दाचार्य-प्रवचनसार, श्रीमद् राजचन्द्र ग्रन्थमाला 8. जैनभद्रक्षमाश्रमण-विशेषावश्यकभाष्य, ला० द० ग्रन्थमाला 9. यशोविजयजी-जैन तर्कभाषा-सिन्धी जैन ग्रन्थमाला 10. अकलङ्क-अकलङ्कग्रन्थत्रय-सिन्धी जैन ग्रन्थमाला 11. अकलह-तत्त्वार्थवातिक भाग-१-२, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी 12. माणिक्यनन्दि-परीक्षामुख, पं० घनश्यामदास जैन, स्या० म०, काशी 13. विद्यानन्दि-प्रमाणपरीक्षा, सनातन जैन ग्रन्थमाला 14. कणाद-वैशेषिकदर्शन, चौखम्बा सं० सी० 15. देवसूरि-प्रमाणनयनतत्त्वालोक, अहंतमत प्रभाकर कार्यालय, पूना 16. अक्षपाद-न्यायसूत्र, चौखम्बा सं० सी० 17. अमोलकऋषि-भगवतीसूत्र, सुखदेव सहाय ज्वाला प्रसाद जौहरी, हैदराबाद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.210725
Book TitleJain Darshnik Sahitya me Gyan aur Praman ke Samanvay ka Prashna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanji Patel
PublisherZ_Aspect_of_Jainology_Part_2_Pundit_Bechardas_Doshi_012016.pdf
Publication Year1987
Total Pages8
LanguageHindi
ClassificationArticle & Logic
File Size687 KB
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