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________________ ५९८ कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : पंचम खण्ड -.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-. ना रातां नं अपछरा, ना किन्नरी काय । तिण आ गिल तिण सारिषि, जोतां आवें दाय ॥ २॥ भाँति एक लीलावति, बीजीऊ भाँति नारि । पग में अंगुठे सभी, रूपे कानहि नारि ॥ ३ ॥ नां जोवें मुंह पुरुष तन, ना लेखवे लिगार । आपण जांण पण थकि, अंगि वहें अहंकार ॥ ४ ॥ एक वाथ सुडि कहि, सुष आमलि मन थंति । राजा मन देसां भले, एक चितें एकंत ॥ ५॥ मन भेद्यो मालव धणि, सांभलि बात विचार । ते किण विधि देषस्य, चितई मनह मझारि ॥ ६॥ मध्य भाग ढाल-कुमरो बोलाये कुबडो ए देसी ॥७॥ बोलावें अण बोलति, बाते विक्कम रायो रे। कथा कहें ने केलवि, आवें कोडि उपायो रे ॥१ बो० ॥ दीपक सनमुष जोइने, राति घणि किम जाये रे। कांईक बात कहों तुम्हें, सांभलिए सुष थायो रे ॥ २ बो०॥ इम जाणे लिलावति, गहिलो ए बर दिसे रे। ए दिवों कीम बोलसि, मुंह चढ़ावे रिसौ रे ॥ ३ वो० ॥ दीवा मांहि देवता, आगियों बोलें आगे रे। सांभलि राय सुजाण तु, बात कहूँ किण रागें रे ॥ ४ बो० ॥ बात कीसि हुषियां कही, एक घडि सुष नाहिं रे। मोडि मरोडि बाट ने, तेल भरि तप मांहि रे ॥ ५ बो० ॥ इम काया परजाकतों, राति दिवस सहां दुषो रे। बात न काइ आवडे, दुषां उपरि दुषों रे ।। ६ बो० ॥ बात कहो तुम्ह आवडे, रूडि रसक वणाइ रे। हुँकारो देस्सु अम्हें, सांभले लोक घणाइ रे ॥ ७ बो० ॥ हिवें राजा कहें बारता, सांभलज्यो सह कोई रे। क्षति प्रतिष्टपुर वर भलो, न्याय चलें सब कोई रे ॥ ८ बो० ॥ श्रीधर सेठ वसें तिहां, कामदेव तसु पुत्रो रे। जाण प्रविण सुपुत्र छ, राषण घरनो सूत्रो रे ।। ९ बो०।। परणायो ऊछव करी, चंद्रानयरि भूपें रे। आंणों करिवा तेहने, आवें तेह सरूपें रे॥ १० बो० ॥ भोलि बालपणा थकि, करें विलाप विसेषे रे। कांमदेव ते लाजतो, सासू सुसरा देषे रे ॥ ११ बो० ॥ वलतो ससुरो इम कहे, नान्हड़ी ए बालि रे। निजि वारे आंणिस्यो, ग्रहणों वींटी वालि रे ।। १२ बो० ॥ कामदेव तिमहिज कियो, फिरी २ विचारों रे।। वार २ ते आवतो, लाजे लोक विचारों रे॥१३ बो० ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.210100
Book TitleAbhaysomsundar krut Vikram Chauboli Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadanraj D Mehta
PublisherZ_Kesarimalji_Surana_Abhinandan_Granth_012044.pdf
Publication Year1982
Total Pages7
LanguageHindi
ClassificationArticle & Stotra Stavan
File Size546 KB
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