SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 360
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अध्याय ३३ : अक्षर-शिक्षा भी उसमें थोड़ी-बहुत सफलता मिल गई थी; परंतु बालू हुआ। मेरे पास उसके प्रबंधके लिए पान उतना समय भी नहीं था, जितना में देना चाहता ज्ञान ही था । दिन-भर शारीरिक काम करने में समय जरां श्रासन करनेकी इच्छा होती उसी तरोताजा रहने बदले ठोक कर संत भर रहा था। सुस खेत्री और घर के काम में जाता था, इसलिए बहकी बाद ही पापाचा शुरू होती। इसके सिवा दूसरा अनुकूल नहीं था । के लिए तीन घंटे क्ले थे। एक हिंदी, तमिल, सुजराती और उर्दू इतनी भाषाएं सिखानी पड़ी क्योकि यह निपजा गया था कि शिक्षण प्रत्येक बालकको उसकी सापाके द्वारा ही दिया जाय, फिर जो भी सिखाई ही जाती थी । इसके अलावा गुजराती, ह्नि कुकृतका और तब लड़की हिंदीचा परिचय कराया, इतिहास, भूगोल और गणित क लिखाना, यह क्रम रखा गया था। तामिल और पढ़ाना मेरे थे । मुझे तालिका ज्ञान जहाजों और जेल भिजाया । उसमें भी पोष कृत उत्तम 'तामिल स्वयं-शिक्षक से धागे में नहीं बढ़ सका था । उर्दू लिपिका ज्ञान तो उतना ही था, जितना जहाजमें प्राप्त कर सका था । और खासकर वीकारली शब्दों का ज्ञान भी उतना ही था, जितना कि मुसलमान मित्रोंके परिचय में प्राप्त कर चुका था। संस्कृत उतनी ही जानता था, जितनी कि मैंने हाईस्कूल में पड़ी थी और गुजराती भी स्कूली ही थी । इतनी पूंजी से मुझे अपना काम बनाया और इसमें जो मेरे सहायक थे वे मुझसे भी कम जानते थे; परंतु देश मेरा प्रेम अपनी शिक्षाशक्तिपर मेरा विश्वास, विद्यार्थियोंका अज्ञान और उससे भी बढ़कर उनकी उदारता, ये मेरे कामनें सहायक साबित हुए । ३४३ मान देना तो कठिन सामग्री न थी । मेरे और न इस विका जाता था और जिस पड़ा। इसमें था इन तामिल विद्यार्थियोंका जन्म दक्षिण अफ्रीकाने ही हुआ था, इससे वे तामिल बहुत कम जानते थे । लिपिका तो उन्हें बिलकुल ही ज्ञान न था, इसलिए मेरा काम था उन्हें लिपि र व्याकरणके मूलतत्वोंका ज्ञान कराना । यह सहज काम था । विद्यार्थी लोग इस बातको जानते थे कि तानिल बातचीत में
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy