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( ५१ ) १४ पुरुषार्थ और ब्रह्म-पद
१५ रस और परब्रह्म में समता-रसस्तुति (१०) औलक्य-दर्शन ( वैशेषिक-दर्शन)
१ दुःखान्त के लिये परमेश्वर का साक्षात्कार २ वैशेषिक-सूत्र की विषय-वस्तु ३ शास्त्र की प्रवृत्ति-उद्देश, लक्षण, परीक्षा ४ पदार्थों की संख्या-छह या सात ५ छह पदार्थों के लक्षण-द्रव्यत्व और गुणत्व
क. कर्मत्व, सामान्य, विशेष और समवाय ६ द्रव्य के भेद और उनके लक्षण ७ गुण के भेद और उनके लक्षण ८ कर्म आदि के भेद ६ द्वित्व आदि की उत्पत्ति का विवेचन
क. द्वित्व की उत्पत्ति का क्रम ख. द्वित्व की निवृत्ति का क्रम
ग. अपेक्षाबुद्धि का लक्षण १० पाकज पदार्थ की उत्पत्ति ११ विभागज विभाग का विवेचन
क. विभागज विभाग का दूसरा भेद १२ अन्धकार का विवेचन १३ अन्धकार के विषय में वैशेषिक-मत
१४ अभाव का विवेचन (११) अक्षपाद-दर्शन ( न्याय-दर्शन)
१ न्यायशास्त्र की रूपरेखा २ प्रमाण का विचार ३ प्रमेय-पदार्थ का विचार ४ संशय, प्रयोजन और दृष्टान्त
क. सिद्धान्त और अवयव ५ तर्क का स्वरूप और भेद
क. निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा
ख. हेत्वाभास और छल ६ जाति और उसके चौबीस भेद
क. निग्रहस्थान और उसके बाईस भेद
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३७० ३७५ ३७६ ३७६
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