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________________ व्यञ्जनासिद्धिः 188 व्यञ्जनासिद्धिः जलकेलि० इत्यादि पद्य में स्वदर्शन से चक्रवाकों का वियोग और अदर्शन से उनका संयोग करा देने के कारण राधा के मुख में चन्द्र का अनुमान होता है परन्तु इस प्रकार का वियोग अथवा संयोग अन्य किसी त्रासक पक्षी आदि हेतु से भी उपपन्न हो सकता है, अत: यह हेतु भी अनैकान्तिक होने के कारण हेत्वाभास की कोटि में आता है। ‘एवंधिोऽर्थ एवंविधार्थबोधक एवं विधार्थत्वात्, यन्नैवं तन्नैवम्' इत्यादि अनुमान की प्रक्रियाओं में हेतु के प्रतिपादक शब्दों से कभी अनिष्टार्थ भी लिया जा सकता है, वे किसी निश्चित अर्थ के निश्चित रूप से वाचक नहीं होते, अत: उन्हें सद्हेतु नहीं कहा जा सकता। दृष्टिं हे प्रतिवेशिनि० इत्यादि पद्यों में नलग्रन्थियों के द्वारा देह में खरोंच पड़ने और अकेले नदी में जाने रूप हेतु से परकामुकोपभोगरूप लिङ्गी का अनुमान होता है परन्तु इस प्रकार का गमन अपने पति के स्नेहवश भी हो सकता है, इसलिए यह भी अनैकान्तिक हेतु है। ___ निश्शेषच्युतचन्दन० आदि पद्य से जो दूती का कामुक के साथ सम्भोग अनुमित होता है, वह व्याख्या भी निर्दष्ट नहीं है। यदि अनुमितिवादी के मत में यह अनुमान पद्य में प्रतिपाद्य दूती अथवा उस समय सन्निहित अन्य व्यक्तियों को हो रहा हो तो उसमें विवाद का अवकाश ही नहीं है, प्रत्युत सहृदय सामाजिक हैं और उनके विषय में अनुमान की यह प्रक्रिया इसलिए नहीं घटायी जा सकती कि इन शब्दों का प्रयोग होने पर सर्वत्र यह व्यङ्ग्य अभिप्रेत नहीं होता। अत: जहाँ वक्ता का ऐसा अभिप्राय न हो वहाँ भी इसका व्यभिचार होने लगेगा। इसलिए इसकी व्याप्ति नहीं बन सकती। इस प्रकार के स्थलों में यदि वक्ता अथवा उसके मुखादि की आकृतिविशेष को हेतु बनाया जाये तो उसपर आचार्य विश्वनाथ का यह उत्तर है कि ऐसी मुखादि की विशिष्ट दशाओं को शब्द से उपस्थित नहीं किया जा सकता, अतः उनके साथ हेतु को विशेषित नहीं किया जा सकता। ____ सत्य तो यह है कि कवि की प्रतिभा से प्रसूत काव्यों के विषय में प्रामाण्य सदा सन्दिग्ध ही होता है, अतः हेतु सदा ही सन्दिग्ध बना रहेगा। व्यञ्जनावादी 'अधम' आदि पदों की सहायता से ही पद्य में प्रयुक्त अन्य
SR No.091019
Book TitleSahitya Darpan kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamankumar Sharma
PublisherVidyanidhi Prakashan
Publication Year
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Literature
File Size9 MB
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