SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्वेताम्बर परम्परा के अर्धमागधी प्राकृत में लिखित आगम ग्रन्थ एवं दिगम्बर परम्परा के शौरसेनी प्राकृत में रचित आगम ग्रन्थों का संक्षिप्त परिचय आगे प्रस्तुत किया जा रहा है। सहायक ग्रन्थ 1. जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा - ले. देवेन्द्रमुनि शास्त्री, तारकगुरु जैन ग्रन्थालय, उदयपुर 2. जैनागम दिग्दर्शन - ले. नगराज मुनि, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर 3. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग 1) - ले. बेचरदास दोशी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी 4. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य-परम्परा (खण्ड 2) - ले. डॉ. नेमिचन्द्रशास्त्री, ज्योतिषाचार्य, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद्, सागर (मध्यप्रदेश) 5. प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास-ले. डॉ. नेमिचन्द्रशास्त्री, तारा बुक एजेन्सी, वाराणसी 6. प्राकृत साहित्य का इतिहास - ले. डॉ. जगदीशचन्द्र जैन, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी 7. भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान - ले. डॉ. हीरालाल जैन, मध्यप्रदेश शासन साहित्य परिषद, भोपाल 8. जिनवाणी (जैनागम साहित्य-विशेषांक 2002 अंक 1, 2, 3, 4) - सं. डॉ. धर्मचन्द्र जैन, सम्यग्ज्ञान, प्रचारक मण्डल, जयपुर 000
SR No.091017
Book TitlePrakrit Sahitya ki Roop Rekha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTara Daga
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages173
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy