SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 648
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तुलनात्मक अध्ययन ६१६ (१) बधक के समान (२) चोर के समान, (३) अय्य सदृश, (४) अकर्म, कामा, (५) आलसी, (६) चण्डी, (७) दुरुक्तवादिनी इत्यादि लक्षण युक्त । माता के समान, भगिनी के समान, सखी के समान और दासी के समान स्त्री के ये अन्य प्रकार बताए हैं। स्थानांग' में चार प्रकार के मेघ बताये हैं-(१) गर्जना करते हैं किन्तु बरसते नहीं हैं (२) गर्जते नहीं, बरसते हैं (३) गरजते और बरसते हैं (४) गरजते भी नहीं और बरसते भी नहीं। इस उपमा का संकेत किया है तो अंगुत्तरनिकाय में इस प्रत्येक भंग में पुरुष को घटाया गया है(१) बहुत बोलता है किन्तु करता कुछ नहीं (२) बोलता नहीं, पर करता है (३) बोलता भी नहीं और करता भी नहीं (४) बोलता भी है, करता भी है। इसी प्रकार गरजना और बरसना रूप चतुभंगी अन्य प्रकार से भी घटित की गई है। स्थानांग में कुंभ के चार प्रकार बताये गये हैं-(१) पूर्ण और अपूर्ण (२) पूर्ण और तुच्छ (३) तुच्छ और पूर्ण (४) और तुच्छ अतुच्छ । इसी तरह कुछ प्रकारान्तर से अंगुत्तरनिकाय में कुंभ की उपमा पुरुष चतुभंगी से घटित की है-(१) तुच्छ-खाली होने पर भी ढक्कन होता है। (२) भरा होने पर भी ढक्कन नहीं होता (३) तुच्छ होता है, ढक्कन नहीं होता है (४) भरा हुआ होता है और ढक्कन भी होता है। (१) जिसकी वेश-भूषा तो ठीक है किन्तु आर्यसत्य का परिज्ञान नहीं है वह प्रथम कुंभ के सदृश है। (२) आर्यसत्य का परिज्ञान होने पर भी बाह्य आकार सुन्दर नहीं हो वह द्वितीय कुंभ के सदृश है। (३) बाह्य आकार भी सुन्दर नहीं और आर्यसत्य का भी परिज्ञान नहीं। (४) बाह्य आकार भी सुन्दर और आर्यसत्य का परिज्ञान भी है। इसी तरह अन्य चतुभंगों के साथ निकाय के विषय-वस्तु की तुलना की जा सकती है। इसी प्रकार उत्तराध्ययन सूत्र की अनेक गाथाओं से बौद्ध साहित्य १ स्थानांग ४१३४६ २ अंगुत्तरनिकाय ४११०. ३ स्थानांग ४।३६० ४ अंगुत्तरनिकाय ४।१०३
SR No.091016
Book TitleJain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1977
Total Pages796
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy