________________
३२
जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा
(५१) बंदित्तु (५२) ऋषिभाषित (५३) अजीव-कल्प (५४) गच्छाचार (५५) मरणसमाधि (५६) सिद्धप्राभृत (५७) तीर्थोद्गार (५८) आराधनापताका (५६) द्वीप-सागर-प्रज्ञप्ति (६०) ज्योतिष-करण्डक (६१) अंग-विद्या (६२) तिथि-प्रकीर्णक (६३) पिण्ड-विशुद्धि (६४) सारावली (६५) पर्यन्ताराधना (६६) जीव विभक्ति (६७) कवच-प्रकरण (६८) योनि-प्राभृत (६६) अंग-चूलिया (७०) बंग-चूलिया (७१) वृद्ध चतु:शरण (७२) जम्बू-पयन्ना (७३) आवश्यक-नियुक्ति (७४) दशवैकालिक-नियुक्ति (७५) उत्तराध्ययन-नियुक्ति (७६) आचारांग-नियुक्ति । (७७) सूत्रकृतांग-नियुक्ति (७८) सूर्यप्रज्ञप्ति (७६) बृहत्कल्प-नियुक्ति ... (८०) व्यवहार-नियुक्ति (८१) दशाश्रुतस्कन्ध-नियुक्ति
उस