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जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा
टोकाकार
प्रन्य उत्तराध्ययन
उत्तराध्ययनवृत्ति
(६०) लक्ष्मीवल्लभ (६१) भावविजय (सं० १६८९) (६२) हर्षनंदगणी (६३) धर्ममंदिर उपाध्याय (सं० १७५०) (६४) उदयसागर (सं० १५४६) (६५) मुनिचन्द्रसूरि .. (६६) ज्ञानशीलगणी (६७) अजितचन्द्रसूरि (६८) राजशील (६६) उदयविजय (७०) मेघराजवाचक (७१) नगर्षिगणि (७२) अजितदेवसूरि (७३) माणिक्यशेखर (७४) ज्ञानसागर (७५) सुमतिसूरि (७६) समयसुन्दर (सं० १६८१) (७७) शान्तिदेवसूरि (७८) सोमविमलसूरि (७९) राजचन्द्र (सं०१६६७) (८०) पावचन्द्र (८१) मेरुसुन्दर (२) माणिक्यशेखर (८३) ज्ञानसागर (८४) क्षमारत्न (८५) माणिक्यशेखर (८६) जयदयाल (८७) पावचन्द्र (८८) ज्ञानसागर (सं०१४३६) (९) माणिक्यशेखर (१०) ब्रह्ममुनि (ब्रह्मर्षि)
दशवकालिकवृत्ति
पिण्डनियुक्तिवृत्ति
नन्दिवृत्ति ओघनियुक्ति दशाश्रुतस्कन्धवृत्ति