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________________ अंगबाह्य आगम साहित्य ४२६ अशुद्ध हो जाता है। अपनी ओर से सम्यक् जांच करने के पश्चात् लिया हुआ आहार यदि अशुद्ध भी है तो भी वह कर्मबन्ध का हेतु नहीं बनता। (२) म्रक्षित-सचित्त का संघट्ठा होने पर भी आहार लेना। (३) निक्षिप्त-सचित्त पर रखा हुआ आहार लेना। निक्षिप्त दो प्रकार का होता है-अनन्तर निक्षिप्त और परम्पर निक्षिप्त । मक्खन आदि जल में रखा जाता है वह अनन्तर निक्षिप्त है। सम्पातिम जीवों के भय से दही आदि का बर्तन जलकुण्ड में रखा जाता है यह परम्पर निक्षिप्त है। जहाँ जल, उत्तिंग, पनक का अशन से सीधा सम्बन्ध है वह अशन अनन्तर निक्षिप्त है और जहाँ पर सीधा सम्बन्ध नहीं है वहाँ परम्पर निक्षिप्त है। दोनों प्रकार के निक्षिप्त अशनादि श्रमण के लिए वर्ण्य है। (४) पिहित-सचित्त से ढका हुआ आहार लेना। (५) संहृत्य-पात्र में पहले से रक्खे हुए अकल्पनीय पदार्थों को निकालकर उसी पात्र से देना। (६)दायक-बाल, वृद्ध, मत्त, उन्मत्त, कापते हुए शरीर वाला, ज्वर से पीड़ित, अंधा, कुष्ठ रोगी, खड़ाऊं पहने हुए, हाथों व पांवों में बेड़ी पहने हुए, हाथ-पांव रहित, नपुंसक, सगर्भा स्त्री, जिसकी गोद में शिशु हो, भोजन करती हुई, दही मथती हुई, आटा पीसती हुई, रुई आदि धुनती हुई, छहकाय के जीवों को भूमि पर रखती हुई, उनको स्पर्श व उन पर गमन करती हुई, जिनके हाथ दही आदि से सने हए हों, ऐसे अनधिकारी व्यक्तियों से आहार ग्रहण करना। इसमें छहकाय के जीवों की विराधना होने की सम्भावना रहती है। (७) उन्मिश्र-साधु को देने योग्य आहार हो, उसे न देने योग्य आहार से मिलाकर दिया जाए । अथवा जो अचित्त आहार सचित्त या मिश्र वस्तु से सहज ही मिला हुआ हो वह उन्मिथ कहलाता है। संहृत्य और उन्मिश्र में यह अन्तर है कि संहृत्य में अदेय-वस्तु को सचित्त वस्तु से लगे हुए पात्र में या सचित्त पर रखा जाता है और उन्मिश्र में सचित्त और अचित्त का मिश्रण किया जाता है। (4) अपरिणत-अपक्व शाक आदि ग्रहण करना। (e) लिप्त--भिक्षा देने के निमित्त जो हस्त-पात्र आदि आहार से लिप्त हों, उन्हें गृहस्थ सचित्त जल से धोता है अतः पश्चात् कर्म होने की
SR No.091016
Book TitleJain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1977
Total Pages796
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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