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________________ १५ जैन आगम साहित्य : एक अनुशीलन दिगम्बर मान्यतानुसार आगमों का वर्गीकरण आगम' अंगप्रविष्ट अंगबाह्य आचार सामायिक सूत्रकृत चतुर्विंशतिस्तव स्थान वन्दना समवाय प्रतिक्रमण . व्याख्याप्रज्ञप्ति वैनयिक कृतिकर्म ज्ञाताधर्मकथा दशवकालिक उपासकदशा उत्तराध्ययन अन्तकृतदशा कल्पव्यवहार अनुत्तरोपपातिकदशा कल्पाकल्प प्रश्नव्याकरण महाकल्प विपाक ... पुंडरीक दृष्टिवाद महापुंडरीक अशीतिका प्रथमानुयोग पूर्वगत चुलिका .. परिकर्म . सूत्र चन्द्रप्रज्ञप्ति सूर्यप्रज्ञप्ति जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति द्वीपसागरप्रज्ञप्ति व्याख्याप्रज्ञप्ति ললনা स्थलगता मायागता आकाशगता रूपगता उत्पाद अग्रायणीय वीर्यानुप्रवाद अस्तिनास्तिप्रवाद ज्ञानप्रवाद सत्यप्रवाद आत्मप्रवाद कर्मप्रवाद प्रत्याख्यानप्रवाद विद्यानुप्रवाद कल्याण प्राणावाय क्रियाविशाल लोकबिन्दुसार १ तत्त्वार्थ सूत्र १/२० श्रुतसागरी वृत्ति
SR No.091016
Book TitleJain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1977
Total Pages796
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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