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________________ अंगबाह्य आगम साहित्य ३७५ में और स्वतंत्र विहार करने में भी निशीथ का ज्ञान आवश्यक है क्योंकि बिना निशीथ के ज्ञाता हुए कोई साघु प्रायश्चित्त देने का अधिकारी नहीं हो सकता। इसीलिए व्यवहारसूत्र में निशीथ को एक मानदण्ड के रूप में प्रस्तुत किया गया है। दिगम्बर ग्रन्थों में निसीह के स्थान में निसीहिया शब्द का व्यवहार किया गया है। गोम्मटसार में भी यही शब्द प्राप्त होता है । गोम्मटसार की टीका में निसीहिया का संस्कृत रूप निषीधिका किया गया है। आचार्य जिनसेन ने हरिवंशपुराण में निशीथ के लिए 'निषद्यक' शब्द का व्यवहार किया है । तत्त्वार्थभाष्य में निसीह शब्द का संस्कृत रूप निशीथ माना है । नियुक्तिकार को भी यही अर्थ अभिप्रेत है। इस प्रकार श्वेतांबर साहित्य के अभिमतानुसार निसीह का संस्कृत रूप निशीथ और उसका अर्थ अप्रकाश है । दिगंबर साहित्य की दृष्टि से निसीहिया का संस्कृतरूप निशीधिका है और उसका अर्थ प्रायश्चित्त-शास्त्र या प्रमाददोष का निषेध करने वाला शास्त्र है । पश्चिमी विद्वान् वेबर ने निसीह के निषेध अर्थ को सही और निशीथ अर्थ को भ्रान्त माना है । शास्त्र दृष्टि से निसीह शब्द पर चिन्तन किया जाय तो निसीह शब्द के संस्कृतरूप निशीथ और निशीष दोनों हो सकते हैं क्योंकि 'थ' और 'ध' दोनों को प्राकृत भाषा में हकार आदेश होता है । अतः णिसिहिया या णिसोहिया शब्द के संस्कृत निषिधिका और निशीथिका अर्थ की दृष्टि से चिन्तन करें तो निषिध या निषिधिका की अपेक्षा निशीथ या निशीथिका १ व्यवहारसूत्र, उद्देशक ३, सूत्र १ २ षट्खण्डागम, प्रथम खण्ड, पृ० ९६ ३ गोम्मटसार, जीवकाण्ड, ३६७ ४ वही, जीवकाण्ड ३६७ निषेधनं प्रमाददोषनिराकरणं निषिद्धिः संज्ञायां 'क' प्रत्यये निषिद्धिका तव्च प्रमाददोषविशुद्धयर्थं बहुप्रकारं प्रायश्चित्तं वर्णयति । ५ निषद्यकाख्यमाख्याति प्रायश्चित्तविधि परम् । --हरिवंशपुराण १०११३८ ६ इण्डियन एण्टीक्वेरी, माग २१, पृ० ६७ This name (निसीह) is explained strangely enough by Nishitha though the character of the contents would lead us to expect Nishedha (निषेध) |
SR No.091016
Book TitleJain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1977
Total Pages796
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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