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________________ अंगबाह्य आगम साहित्य २२३ संख्या, चन्द्रादि की गति, अग्रमहिषियां, उनकी विकूर्वणा आदि का वर्णन दिया गया है। वैमानिक देवों का वर्णन करते हए शकेन्द्र की तीन परिषद, उनके देवों की संख्या, स्थिति, यावत् अच्युतेन्द्र की तीन परिषद आदि का वर्णन है। अहमिन्द्र, अवेयक ब अनुत्तर विमान के देवों का वर्णन है। सौधर्म, ईशान से लेकर अनुत्तर विमानों का आधार, सौधर्म यावत् अनुत्तर विमान पृथ्वी का भिन्न-भिन्न बाहल्य, भिन्न-भिन्न संस्थान, ऊंचाई, आयाम, विष्कंभ, परिधि, वर्ण, प्रभा, गंध और स्पर्श । सर्व विमानों की पौद्गलिक रचना, जीवों और पुद्गलों का चयोपचय, जीवों की उत्पत्ति का भिन्न-भिन्न क्रम, सर्व जीवों से सर्वथा रिक्त न होना, देवों की भिन्न-भिन्न अवगाहना। ग्रेवेयक और अनुत्तर देवों में विक्रिया करने की शक्ति होने पर भी वे विक्रिया नहीं करते । देवों में संघयण का अभाव है, केवल पुद्गलों का शुभ परिणमन होता है। देवों में समचतुरस्र संस्थान है, भिन्न-भिन्न वर्ण, गंध, रस और स्पर्श होते हैं। वैमानिक देवों के अवधिज्ञान की भिन्न-भिन्न अवधि, भिन्नभिन्न समुद्घात, क्षुधा-पिपासा के वेदन का अभाव, भिन्न-भिन्न प्रकार की वैक्रिय शक्ति, सातावेदनीय, वेशभूषा, कामभोग, भिन्न-भिन्न स्थिति, गति । नैरयिकों की, तियंचों की, मनुष्यों और देवों की जघन्य, उत्कृष्ट स्थिति और जघन्य, उत्कृष्ट संस्थिति काल । नैरयिक, मनुष्य और देव व तिर्यच का जघन्य और उत्कृष्ट अन्तरकाल और उनका अल्पबहुत्व इसमें वणित है। चतुर्थ प्रतिपत्ति चतुर्थ पंचविध जीव प्रतिपत्ति में संसार स्थित जीव के पाँच प्रकार बताये हैं-एकेन्द्रिय यावत् पंचेन्द्रिय । जीव दो प्रकार के, सूक्ष्म और बादर, उनकी जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति, संस्थितिकाल, अल्पबहुत्व आदि बताये गये हैं। पंचम प्रतिपत्ति पंचम षविध जीव प्रतिपत्ति में संसार स्थित जीव छह प्रकार के हैं-पृथ्वीकाय यावत् श्रसकाय। इन प्रत्येक के दो-दो भेद हैं । उनकी भिन्न-भिन्न संस्थितिकाल व भिन्न-भिन्न अन्तरकाल और अल्पबहुत्व बताया है। सूक्ष्म-बादर षट्कायिक जीवों की स्थिति, संस्थिति, अन्तरकाल और
SR No.091016
Book TitleJain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1977
Total Pages796
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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