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________________ १८ जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा से प्रथम दो के अतिरिक्त शेष पाँच निह्नव भगवान महावीर के निर्वाण के पश्चात् तीसरी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी के मध्य में हुए हैं। उत्तर में निवेदन है; जैन दृष्टि से भगवान महावीर सर्वज्ञ थे, अतः वे पश्चात् होने वाली घटनाओं का सूचन करें इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। जैसे-नवम् स्थान में आगामी उत्सर्पिणी काल के भावी तीर्थकर महापद्म का चरित्र दिया गया है। और भी अनेक स्थलों पर भविष्य में होने वाली घटनाओं का उल्लेख है। दूसरी बात यह है कि पहले आगम श्रुति-परम्परा से चले आ रहे थे, उन पाठों का संकलन और आकलन आचार्य स्कन्दिल और देवधिगणी क्षमाश्रमण के समय लिपिबद्ध किये गये थे। उस समय वे घटनाएं, जिनका उल्लेख प्रस्तुत आगम में है, वे भविष्य में होने वाली घटनाएँ भूतकाल में हो चुकी थीं। अतः जन-मन में भ्रान्ति उत्पन्न न हो जाय इस दृष्टि से आचार्यों ने भविष्यकाल के स्थान पर भूतकाल की क्रिया दी हो या उन आचार्यों ने उस समय तक की घटित घटनाएँ इसमें संकलित कर दी हों। इस प्रकार की दो-चार घटनाएँ भूतकाल की क्रिया में लिख देने मात्र से प्रस्तुत आगम गणधरकृत नहीं है, ऐसा कथन उचित प्रतीत नहीं होता। दश स्थान प्रथम स्थान में आत्मा, अनात्मा, बन्ध और मोक्ष आदि को सामान्य दृष्टि से एक-एक बताया है। गुण, धर्म एवं स्वभाव की समानता के कारण अनेक भिन्न-भिन्न पदार्थों को एक कहा है। द्वितीय स्थान में जीवादि पदार्थों के दो प्रकार गिनाये गये हैं। जैसेआत्मा के सिद्ध और संसारी। धर्म के सागार और अनगार, श्रुत और चारित्र बंध के राग और द्वेष ये दो प्रकार, वीतराग के उपशान्तकषाय और क्षीणकषाय ये दो प्रकार। काल के उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी, राशि के जीव राशि और अजीव राशि ये दो प्रकार बताये हैं। तीसरे स्थान में पूर्व की अपेक्षा स्थूलदृष्टि से चिंतन किया गया है। जैसे-दृष्टि तीन-(१) सम्यग्दृष्टि, (२) मिथ्यादृष्टि, (३) मिश्रदृष्टि । वेद तीन-(१) स्त्रीवेद (२) पुरुषवेद (३) नपुंसक वेद । लोक तीन-(१) ऊर्ध्वलोक, (२) अधोलोक, (३) मध्यलोक । आहार तीन-सचित्त, अचित्त और मिथ; आदि प्रकार बताये गये हैं।
SR No.091016
Book TitleJain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1977
Total Pages796
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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