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________________ अंग साहित्य : एक पर्यालोचन ६३ युक्त नरक में भटकता है। चाहे सम्राट ही क्यों न हो, वह स्वर्ग में नहीं जा सकता। आर्द्रकमनि के कठोर व स्पष्ट प्रत्युत्तर को सुनकर बेदवादी ब्राह्मण बोल नहीं सके। तब आत्माद्वैतवादी ने आर्द्रकमुनि से कहा--- . आत्माद्वैतवादी'-आर्द्रकमुनि ! आपका और हमारा धर्म समान है। वह भूत में भी था और भविष्य में भी रहेगा। आपके और हमारे धर्म में आचार-प्रधान शील तथा ज्ञान को महत्त्व दिया है। पुनर्जन्म की मान्यता में भी किसी प्रकार का भेद नहीं है, किन्तु हम एक अव्यक्त, लोकव्यापी, सनातन, अक्षय और अव्यय आत्मा को मानते हैं। न उसका कभी क्षय होता है और न ह्रास ही होता है जल में पड़े अनेक प्रतिबिम्बों में एक चन्द्र की भांति सब भूतगण में निवास करने वाला वह आत्मा एक ही है। आर्द्रकमुनि-यदि ऐसा ही है, तो फिर ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और दास तथा कीड़े, पंखी, सर्प, मनुष्य आदि में भेद ही नहीं रहेगा और वे पृथक्-पृथक् सुख-दुःख भोगते हुए इस विश्व में भी क्यों भटकेंगे? परिपूर्ण कैवल्य से लोक को समझे बिना, जो दूसरों को धर्मोपदेश करते हैं वे अपना और दूसरों का अहित ही करते हैं। परिपूर्ण कैवल्य से लोक-स्वरूप को समझकर तथा पूर्णज्ञान से समाधि-युक्त बनकर जो धर्मोपदेश करते हैं, वे स्वयं का भी हित करते हैं और अन्य का भी। हे आयुष्मान् ! यह तुम्हारा बुद्धिविपर्यास है जिसके कारण तिरस्कार योग्य ज्ञान वाले आत्माद्वैतवादियों को और सम्पूर्ण ज्ञान-दर्शनचारित्र युक्त जिनेश्वर देव को एक कोटि में रख रहे हो। यह सर्वथा अनुचित है। आत्माद्वैतवादियों को परास्त कर आर्द्रकमुनि आगे बढ़ने लगे, तो हस्ती-तापसों से भेंट हो गई। हस्तीतापस-हम वर्ष में मात्र एक ही हाथी को बाण से मारते हैं और उससे अपनी आजीविका चलाते हैं, ऐसा करने में हमारा प्रयोजन अन्य अनेक जीवों की रक्षा करना है। १ टीकाकार आचार्य शीलांक ने (२।६।४६) में इसे एक दण्डी कहा है। डा. हर्मन जेकोबी ने अपने अंग्रेजी अनुवाद (S.B.E., Vol. XIV, P.417 H) में इसे बेदान्ती कहा । टीकाकार ने भी अगली गाथा में यही अर्थ स्वीकृत किया है।
SR No.091016
Book TitleJain Agam Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1977
Total Pages796
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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