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विक्रमशिला-आठवीं सदी के राजा धर्मपाल द्वारा स्थापित बौद्ध विहार, जिसका महत्त्व,
आखिर, 'नवद्वीप विद्यापीठ' की स्थापना के अनन्तर ही कुछ घटा था। विजयनगर-बंगाल के राजशाही डिवीजन में, सेन राजाओं की राजधानी । विद्यानगर । वितस्ता-वि-तमसा (?), जेहलम (नदी)। विदिशा-मालवा में बेतवा (वेत्रवती) नदी पर भीलसा, जो प्राचीन दशार्ण की राजधानी
थी; विशाला। (मेघ०) विडेहट-दरभंगा में जनकपुरी, तीरभुक्ति ( तिरहुत ), मिथिला, जनस्थान । विद्यासागर-तुगभद्रा पर विजयनगर के ब्राह्मण राजाओं की राजधानी, विजयनगर । विनशन--कुरुक्षेत्र ( सरहिन्द, पटियाला ) में जहाँ सरस्वती लुप्त हो जाती हैं, वह तीर्थ । विनाशिनी-गुजरात में बनास नदी। विनीतपुर-उड़ीसा में, कटक । विन्ध्यपाद-ताप्ती आदि का उद्गम, 'सतपुड़ा' पर्वतश्रेणी । विपाशा-व्यास नदी। विराटनगर-मत्स्यदेश, जयपुर-पाण्डवों का अज्ञातवासगृह । विशाला-अवन्ती की राजधानी, उज्जैन ( उज्जयिनी)। बौद्ध युग में वैशाली की राजधानी,
बसाढ़। विशाखा (पत्तन)-विजगापट्टम् । विश्वामित्राश्रम-जहाँ ताटका का वध हुआ था, बिहार के शाहाबाद जिले में बक्सर,
वेदगर्भपुरी। वीतभयपत्तन-प्राचीन 'बीचिग्राम', अलाहाबाद से ११ मील दक्षिण-पश्चिम, 'विठा'-जहाँ कई
ऐतिहासिक मुद्राएँ मिली हैं। वृद्ध काशी-मद्रास का तीर्थ, 'पुदुवेलिगोपुरम् । वेंकटगिरि-मद्रास में, तिरुपति के निकट, 'तिरुमलई' पर्वत । वेंगी-गोदा-कृष्णा के अन्तर्गत, आन्ध्रों की राजधानी । वेणी-कृष्णा नदी। वेत्रवती-बेतवा नदी। वेदारण्य-तंजोर में, अगस्त्य का तपोवन । वेदगर्भपुरी-बक्सर, 'जहाँ विश्वामित्र को 'गायत्री ने आलोकित किया था।' वेन-मध्यभारतीय गंगा, गोदावरी की एक धारा । वैकुण्ठ-ताम्रलिप्ती पर एक तीर्थ । वैतरणी-परशुराम के भगीरथ प्रयत्न से 'अवतारित', उड़ीसा की गंगा-जहाँ कभी ययातिपुर बसा था। वैशाली-मगध-विदेह के मध्य का प्राचीन साम्राज्य, जो आजकल मुजफ्फरपुर जिले का दक्षिणी
भाग ठहरता है । बौद्ध युग में यह वृज्जियों-लिच्छवियों की राजधानी थी। व्याघ्रसरोवर-बक्सर, विश्वामित्राश्रम । शकरतीर्थ-नेपाल में, जहाँ शिव ने 'पार्वती-विजय' के लिए तप किया था। शंकराचार्य-काश्मीर में, 'तख्ते-सुलेमान ; सन्धिमान गिरि । शंकास्य-कान्यकुब्ज । शंकस्थान-सीस्तान, शकों का मूल देश जहाँ से वे मध्य एशिया की ओर बढ़े। शतद्रु-सतलज।
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