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________________ व्रत कथा कोष ५७५ कथा पहले नागपुर नगर में नागसेन राजा अपनी नागदत्ता महारानी के साथ राज्य करता था, उसका पुत्र नागेन्द्र उसकी स्त्री नागवासु सारा परिवार सुख से रहता था । एक दिन उन्होंने शिवगुप्त भट्टारक महामुनि के पास व्रत लिया, इसका यथाविधि पालन किया जिससे सर्व सुख को प्राप्त किया । अनुक्रम से मोक्ष गये । श्रथ ब्रह्मचर्य महाव्रत कथा व्रत विधि :- पहले के समान सब विधि करे, अन्तर केवल इतना है कि श्राषाढ़ कृ. ७ के दिन एकाशन करे, ८ के दिन उपवास करे, पूजा वगैरह पहले के समान करे, ४ दम्पतियों को भोजन करावे, वस्त्र आदि दान करे । कथा पहले श्रीरंगपट्टम नगरी में श्रीरंग राजा श्रीरंग महादेवो अपनी महारानी के साथ रहता था, उसका पुत्र श्रीरंगकुमार और पुरोहित सारा परिवार सुख से रहता था । एक बार उन्होंने श्रीषेण मुनि से व्रत लिया उसका यथाविधि पालन किया । सर्व सुखों को प्राप्त किया। अनुक्रम से मोक्ष गए । अथ वीर्यान्तराय निवारण व्रत कथा व्रत विधि :- पहले के समान सब विधि करे, अन्तर केवल इतना है कि ज्येष्ठ कृ. १२ के दिन एकाशन करे, १३ के दिन उपवास करे, पूजा वगैरह पहले के समान करे, णमोकार मन्त्र का जाप १०८ बार करे | पांच दम्पतियों को भोजन करावे, वस्त्र आदि दान करे । कथा पहले महीन्द्रपुर नगरी में महिपाल राजा अपनी स्त्री देवीरानी और अपने पुत्र महेन्द्र कुमार और उसकी स्त्री महीदेवी सारा परिवार सुख से रहता था, उन्होंने महादिव्य ज्ञानी मुनि के पास यह व्रत लिया, उसका यथाविधि पालन किया, सर्वसुख को प्राप्त किया और अनुक्रम से मोक्ष गये ।
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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