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________________ ४४४ ] व्रत कथा कोष दान का लाभ होगा । यह सुन राजा श्रानन्दित हुए । राजा परिवार सहित एक अशोक वृक्ष के नीचे बैठे थे कि पिहितास्रव नाम के मासोपवासी महामुनि पारणे के निमित्त से आये । राजा ने नवधाभक्ति के आहारदान दिया, जिससे वहाँ पंचाश्चर्य वृष्टि हुई । मुनिराज ने थोड़ी देर बैठकर धर्मोपदेश दिया । उस समय वह बाघ भी उपदेश सुन रहा था। उसे सुनकर तुरन्त जातिस्मरण हो गया । तब राजा ने बाघ के भवांतर मुनिराज के पूछे, सुनकर राजा को बहुत आश्चर्य हुआ । उस उद्यान में अनेक जिनमन्दिर बनवाकर जिनप्रतिमा प्रतिष्ठित की तथा धर्मध्यान में लीन होने लगा । उस बाघ ने अपना भवांतर सुनकर अठारह दिन तक आहारपानी का त्याग करके समाधि ली ईशान कल्प में देव हुआ । वह प्रीतिवर्धन राजा अपने मन में प्रबल वैराग्य उत्पन्न होने से जिनदीक्षा लेकर तपश्चर्या करने लगा । जिससे सर्व कर्मक्षय करके मोक्ष गये । ईशान कल्प में दिवाकर देव च्युत होकर मतिवर नामके राजा हुए। उसी भव में जिनदीक्षा लेकर तपस्या करने लगे । उस तप के प्रभाव से स्वर्ग में अहमिन्द्र हुमा । फिर सुबाहु राजा हुआ, जिनदीक्षा लेकर पुनः अहमिन्द्र हुआ। वहां से चयकर भरत क्षेत्र में अयोध्या में आदिनाथ तीर्थंकर के यशस्वती के उदर से भरत हुए । यही प्रथम चक्रवर्ती हुए । अर्न्त में जिनदीक्षा धारण कर आजन्म अभ्यास करके शुद्धात्मध्यान से एक अंतर्मुहूत में केवलज्ञान प्राप्त करके मोक्ष गये । मुकुटसप्तमी व्रत और निर्दोषसप्तमी व्रतों का स्वरूप मुकुट सप्तमी तु श्रावरणशुक्ल सप्तम्येव ग्राह्या, नान्या तस्याम् श्रादिनाथस्य पार्श्वनाथस्य मुनिसुव्रतस्य च पूजां विधाय कण्ठे मालारोपः । शीर्षमुकुटञ्च कथितमागमे । भाद्रपद शुक्ला सप्तमीव्रतमागमे निर्दोषसप्तमीव्रतं कथितम् । सप्तवर्षावधिर्यावत् अनयोः व्रतयोः विधानं कार्यम् । अर्थ :- श्रावण शुक्ला सप्तमी को मुकुट सप्तमी कहा जाता है, अन्य सप्तमी नहीं है । इसमें आदिनाथ अथवा कर जयमाला को भगवान का आशीर्वाद इस व्रत को आगम में शीर्ष मुकुट सप्तमी किसी महीने की सप्तमी का नाम मुकुट पार्श्वनाथ और मुनिसुव्रतनाथ का पूजन समझकर गले में धारण करना चाहिए। व्रत भी कहा गया है ।
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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