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व्रत कथा कोष
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ॐ ह्रीं अहं मिथ्योपदेशातिचार रहिताय सत्याणुव्रताय नमः स्वाहा
,, रहोभ्याख्यानातिचार , , , , ,,, कुटलेखक्रियातिचार ...."" "
, ग्यासापहारातिचार , , , ,
, साकारमन्त्रभेदातिचार , , , , ११ ,, ,, स्तेनप्रयोगातिचार , अचौर्याणुगताय ,, १२ , , , तदाहृतादानातिचार , , , , , १३॥"
, विरुद्धराज्यातिकमातिचार ,,, १४"" ,, हीनाधिकमानोन्मानातिचार ,, , ,
,, प्रतिरूपकव्यवहारातिचार ,, , , , परविवाहकरणातिचार , ब्रह्मचर्याणुव्रताय
, , इत्वरिकागमनातिचार " " ,,, परिगृहीतावरिगृहीतागमनातिचार रहिताय ब्रह्मवर्याणु
व्रताय नमः स्वाहा ,,,, अनंगक्रीडातिचार रहिताय " " " " २०,, ,, कामतीवाभिनिवेशातिचार , " " " " २१ ,, ,, अतिवाहनातिचार परिमितपरिग्रहाणुव्रताय । "
अतिसंग्रहातिचार , २३।। ,, विस्मयातिचार
" " ,, लोभातिचार २५, , , अतिभारवहनातिचार
" " " "
१६,"
२२॥
"
उपरोक्त २५ मन्त्रों से अष्टद्रव्य लेकर पूजा करें, पंच पकवान का नैवेद्य चढ़ावे, प्रत्येक उपवास के समय क्रम से एकेक मन्त्र से एकेक पुष्प चढ़ावे, प्रत्येक मन्त्र का १०८ बार चढ़ावे, णमोकार मन्त्र का जाप करे, सहस्र नाम पढ़ेकर, पंचा। णुव्रत पालन करने में प्रसिद्ध पुरुषों को, मातंग, धनदेव, वारिषेण आदि की कथा पढ़े, एक पात्र में २४ पान रखकर उसके ऊपर अर्घ रखे और एक नारियल रखकर