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________________ ३६६ ] व्रत कथा कोष को हाथ में लेकर जिनमन्दिर में जावे, मन्दिर को तीन प्रदक्षिणा लगाकर भगवान को नमस्कार करे, मंडप वेदी को अच्छी तरह से सजाकर मध्य में सात प्रकार के धान्यों की एक राशि करे, सामने पांच वर्णों से अष्टदल कमल निकाले, बीच में ह्रींकार लिखकर उसके ऊपर मंगल कलश दूध से भरकर रखे, उसमें भगवान रखे, मंगल कलश के रूप में अभिषेक पीठ पर सुपार्श्वनाथ की मूर्ति यक्ष यक्षिणी सहित विराजमान करके पंचामृताभिषेक करे, उस मूर्ति को कुंभ पर थाली रख कर विराजमान करे, आदिनाथ से लेकर सुपार्श्वनाथ पर्यन्त पूजा करे, सात प्रकार के नैवेद्य से पूजा करे, श्रुत व गुरु की पूजा करे, यक्षयक्षिणी व क्षेत्रपाल की अर्चना करे । ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं श्रीं श्री सुपार्श्वनाथाय नंदिविजययक्ष कालीयक्षी सहिताय नमः स्वाहा । इस मन्त्र से १०८ पुष्प से जाप्य करे, रामोकार मन्त्रों का १०८ बार जाप करे, श्री सुपार्श्वनाथ भगवान के चारित्र का वाचन करे, व्रत कथा पढ़े, सात पान एक थाली में रखकर प्रत्येक पान पर पृथक्-पृथक् प्रर्घ रखे, एक नारियल रखे, इस प्रकार अर्घ्य बनाकर मन्दिर की तीन प्रदक्षिणा लगावे, मंगल आरती उतारे, अर्ध्य को चढ़ा देवे, उस दिन उपवास करे, ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे, त्रेसठ शलाका पुरुषों के चारित्र को पढ़े, स्तोत्र आदि पढ़ते हुये रात दिन बितावे । दूसरे दिन स्नानादि से निवृत होकर भगवान को कुंभ से बाहर निकाले, फिर भगवान का पंचामृताभिषेक, करे, अष्टद्रव्य से पूजा करे, सात प्रकार की मिठाई बनाकर चढ़ावे, सत्पात्रों को दान देकर स्वयं पारणा करे, इस प्रकार इस व्रत को सात वर्ष करे, अंत में उद्यापन करे, उद्यापन के समय, एक सुपार्श्वनाथ की नवीन मूर्ति यक्षयक्षी सहित बनवाकर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा करे, सात मुनिश्वरों को दान देकर सात सौभाग्यवती स्त्रियों को वायना देवे, इस व्रत की विधि यही है । कथा इस भरतक्षेत्र में पृथ्वी भूषण नामक एक विशाल देश है, उस देश में पृथ्वी पालक नाम के राजा मदनमाला पट्टरानी के साथ राज्य करते थे, उस नगर में एक अर्हदास नामका राजश्रेष्ठि रूपलक्ष्मी नाम की सेठानी के साथ रहता था, पहले
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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