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________________ व्रत कथा कोष एक दिन चारित्रमति ने चारण ऋद्धिधारी मुनिराज को आहार दान दिया, और आसन देकर बिठाया, इतने में ही उसके पीहर से याने बाप के यहां से एक दूत पाया और चारित्रमति को कहने लगा कि तुम्हारे माता-पिता मुच्छित होकर पड़े हुए हैं। तब उसने मुनिराज को हाथ जोड़ कर कहा कि हे मुनिराज ! मेरे माता-पिता के मूच्छित होने में क्या कारण है ? तब मुनिराज कहने लगे कि हे देवो ! तुम्हारे खेत में एक वृक्ष है उस वृक्ष के नीचे एक सर्प की बामी है, तुम्हारे पिता ने उस बामी को विध्वंस किया है, क्षति पहुचाई है, उस बामी में नेमिनाथ और पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा थी, उस प्रतिमा का अविनय हो गया है, उस प्रतिमा की भवनवासी देव नित्य ही पूजा करते हैं, वो देव क्रोधयुक्त हो गये हैं और उन्होंने ही तुम्हारे माता-पिता को विषयुक्त किया है। ____तब चारित्रमति कहने लगी कि हे देव हे गुरु आप कृपा कर मेरे मातापिता की मूर्छा दूर हो वैसा उपाय कहो, तब मुनिराज कहने लगे कल श्रावण शुक्ला पञ्चमी है, तुम अपने मायरे में जागो और उपवास कर पार्श्वनाथ जिनेन्द्र की प्रतिमा का अभिषेक करके उस गंधोदक को तुम्हारे माता पिता पर छिड़क देना, उससे उनकी मूर्छा दूर हो जायेगी, ऐसा सुनकर उसने मुनिराज से नाग पञ्चमी और श्रियालषष्टि का व्रत ग्रहण किया, और अपने भाई के चली गई, वहां जाकर उसने व्रत विधि पूर्वक किया, गुरु के कहे अनुसार पूजाभिषेक खेत में जाकर किया, और गन्धोदक को लेकर उनके ऊपर छिड़का तब तत्क्षण उन दोनों की मूर्छा दूर हो गई। ___ तब वहां के देखने वाले लोगों को बड़ा पाश्चर्य हा और सब पहने लगे कि तुमने तुम्हारे माता-पिता की मूर्छा को कैसे दूर किया ? तब वह कहने लगी कि तुम सब लोग मिथ्यादृष्टि हो मैं तुमको नहीं कहूगी । उसने तो उनको नहों कहा तब उन लोनों ने उसके साथ आने वाले दूत से पूछा कि तुम कहो कि इसने अपने माता-पिता की मूर्छा कैसे दूर की तब उस नौकर ने कहा कि इसने दूध, घी, शक्कर लाया आदि से बामी को पूजा वैसे तुम भी करो । तब से लोग एक पत्थर का नाग बनाकर बामी की पूजा करने लगे, उस दिन श्रावण शुक्ला पञ्चमी का दिन था, और
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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