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________________ व्रत कथा कोष [ २८७ विवेचन :-जिनगुणसम्पत्ति व्रत में ६३ उपवास करने का विधान है । इसमें षोड़शकारण के सोलह उपवास, पञ्च परमेष्ठी के पांच, अष्ट प्रातिहार्य के आठ और चौंतीस अतिशयों-दस जन्म, दस केवल ज्ञान और चौदह देवकृत अतिशयों के चौंतीस उपवास किये जाते हैं । यह व्रत ज्येष्ठवदी प्रतिपदा से प्रारम्भ किया जाता है। ६३ उपवास एक साथ लगातार करने की शक्ति न हो तो सोलह प्रतिपदाओं के सोलह उपवास; जो कि षोड़शकारण के व्रत कहे जाते हैं, के करने के पश्चात् पाँच पञ्चमियों के पांच उपवास जो कि पञ्च परमेष्ठी के गुणों की स्मृति के लिए किये जाते हैं, करने चाहिए। इन उपवासों के पश्चात् पाठ प्रातिहार्यों की स्मृति के लिए पाठ अष्टमियों के पाठ उपवास एक साथ तथा चौंतीस अतिशयों के, स्मृतिकारक दस दशमियों के दस उपवास, चौदह चतुर्दशियों के चौदह उपवास, छः षष्ठियों के छः उपवास और चार चतुर्थियों के चार उपवास इस प्रकार कुल (१४ + १० + ६ +४ = ३४) उपवास एक साथ करने चाहिए। जिनगुणसम्पत्ति व्रत में उपवास के दिन गृहारम्भ का त्याग कर पूजन, अभिषेक करना चाहिए तथा प्रारम्भ के सोलह उपवासों में ॐ ह्रीं तीर्थंकर पद प्राप्तये दर्शनविशुद्धयादिषोडशकारणेभ्यो नमः पञ्च परमेष्ठी उपवासों में "ॐ ह्रीं परमपदस्थितेभ्यो पञ्चपरमेष्ठिभ्यो नमः" पाठ प्रातिहार्यों के उपवासों में “ॐ ह्रीं अष्टप्रातिहार्यमण्डिताय तीर्थंकराय नमः" और चौंतीस अतिशयों के उपवासों के लिए "ॐ ह्रीं चतुत्रिशदतिशयसहितेभ्यः अर्हद्भ्यः नमः' मन्त्रों का जाप किया जाता है । व्रत पूरा हो जाने पर उद्यापन करा दिया जाता है। . श्रीजिन गुरणसम्पत्ति व्रत कथा चैत्र शुक्ल सप्तमी के दिन एक भुक्ति करके गुरु के निकट जाकर यह व्रत ग्रहण करे, अष्टमी को प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर सर्वप्रकार का पूजा साहित्य हाथ में लेकर जावे, मन्दिर की तीन प्रदक्षिणा लगावे, ईर्यापथ शुद्धि क्रिया करे, भगवान का साष्टांग नमस्कार करे, अखण्ड दीप जलावे, चौबीस तीर्थंकर प्रतिमा यक्षयक्षि सहित अभिषेक पीठ पर स्थापन कर पंचामृताभिषेक करे और प्रष्ट द्रव्य से पूजा करना, पंचपकवान का नैवेद्य बनाकर चढ़ाना, शास्त्र गुरु की पूजा करना, यक्षयक्षिणी क्षेत्रपाल की पूजा करना और व्रत कथा पढ़ना ।
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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