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________________ १०० ] व्रत कथा कोष एकाशन करना चाहिए । भोजन में माड़-भात या दूध अथवा छाछ लेना चाहिए। वस्तुओं की संख्या भी भोजन के लिए निर्धारित कर लेनी चाहिए। यह व्रत कवलचान्द्रायण के समान भी किया जा सकता है । इसमें केवल विशेषता इतनी ही है कि प्रातः जिनमुख का अवलोकन करना चाहिए । रात का अधिकांश भाग जागते हुए धर्मध्यान पूर्वक बिताना चाहिए। मुक्तावली व्रत दो प्रकार का होता है- लघु और बृहत् । लघु व्रत में नौ वर्ष तक प्रतिवर्ष नौ-नौ उपवास करने पड़ते हैं। पहला उपवास भाद्रपद शुक्ला सप्तमी को दूसरा आश्विन कृष्णा षष्ठि को, तीसरा आश्विन कृष्णा त्रयोदशी को, चौथा पाश्विन शुक्ला एकादशी को, पांचवां कार्तिक कृष्णा द्वादशी को, छठवां कार्तिक शुक्ला तृतीया को, सातवां कार्तिक शुक्ला एकादशी को, माठवां मार्गशीर्ष कृष्णा एकादशी को और नौवां मार्गशीर्ष शुक्ला तृतीया को करना चाहिए । मुक्तावली व्रत में ब्रह्मचर्य सहित अणुव्रतों का पालन करना चाहिए । रात में उपवास के दिन जागरण कर धर्मार्जन करना चाहिए । “ॐ ह्रीं वृषभजिनाय नमः" इस मन्त्र का जाप करना चाहिए। बृहत् मुक्तावली व्रत ३४ दिनों का होता है । इस व्रत में प्रथम एक उपवास कर पारणा, पुनः दो उपवास के पश्चात् पारणा, तोन उपवास के पश्चात् पारणा, चार उपवास के पश्चात् पारणा तथा पांच उपवास के पश्चात् पारणा करनी चाहिए। अब चार उपवास के पश्चात् एक पारणा, तीन उपवास के पश्चात् पारणा, दो उपवास के पश्चात् पारणा एवं एक उपवास के पश्चात् पारणा करनी होती है । इस प्रकार कुल २५ दिन उपवास तथा ६ पारणाए; इस प्रकार कुल ३४ दिनों तक व्रत किया जाता है । इस व्रत में लगातार दो, तोन, चार और पांव उपवास करने पड़ते हैं, दिन धर्मध्यान पूर्वक बिताने पड़ते हैं तथा रात को जागकर आत्मचिन्तन करते हुए व्रत की क्रियाएं सम्पन्न की जाती है । इस व्रत का फल विशेष बताया गया है । इस प्रकार निरवधि व्रतों का अपने समय पर पालन करना चाहिए, तभी प्रात्मोत्थान हो सकता है । बृहद् मुक्तावली में "ॐ ह्रां णमो अरहंताणं ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ॐ ह्र णमो पाइरियाणं, ॐ ह्रौं णमो उवज्झायाणं ॐ ह्रः णमो लोए साहूणं" इस मन्त्र का जाप करना चाहिए।
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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