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________________ व्रत कथा कोष [ ६५ में सफलता सूचक नहीं है । इस मुहूर्त्त का आदि भाग निकृष्ट, मध्य भाग साधारण और अन्त भाग श्रेष्ठ होता है । आठवां अभिजित् नाम का मुहूर्त्त है । यह सर्वसिद्धिदायक माना गया है । इसका प्रारम्भ सूर्योदय के ५ घण्टा ३६ मिनट के उपरान्त माना जाता है । परन्तु गणित से इसका साधन निम्न प्रकार से किया जाता है रविवार को २० अंगुल लम्बी सीधी लकड़ी, सोमबार को १६ अंगुल लम्बी लकड़ी, मंगल को १५ अंगुल लम्बी, बुधवार को १४ अंगुल लम्बी, गुरुवार को १३ अंगुल लम्बी, शुक्र और शनिवार को १२ अंगुल लम्बी चिकनी तथा सीधी लकड़ी को पृथ्वी में खड़ी करें, जिस समय उस लकड़ी की छाया लकड़ी के मूल में लगे उसी समय अभिजित मुहूर्त्त का प्रारम्भ होता है । इसका प्राधा भाग अर्थात् एक घटी प्रमाण काल समस्त कार्यों में अभूतपूर्व सफलता देने वाला होता है । प्रभिजित् रविवार, सोमवार आदि को भिन्न-भिन्न समय में पड़ता है । इसका कार्यसाफल्य के लिए विशेष उपयोग है । प्रायः अभिजित् ठीक दोपहर को आता है; यही सामायिक करने का समय है । आत्मचिन्तन करने के लिए अभिजित् मुहूर्त्त का विधान ज्योतिष-ग्रन्थों में अधिक उपलब्ध होता है । नौवां मुहूर्त्त रोहण नाम का है, इसका स्वभाव गम्भीर, उदासीन और विचारक है । यह समस्त तिथि का शासक माना गया है । यद्यपि पांचवां दैत्य मुहू तिथि का अनुशासक होता है, परन्तु कुछ प्राचार्यों ने इसी मुहूर्त्त को तिथि का प्रधान अंश माना है। इस मुहूर्त में कार्य करने पर कार्य सफल होता है । विघ्नबाधाएं भी नाना प्रकार की आती हैं, फिर भी किसी प्रकार से यह सफलता दिलाने वाला होता है । इसका आदिभाग मध्यम, मध्यभाग श्रेष्ठ और अन्तिमभाग निकृष्ट होता है । दसवां बल नामक मुहूर्त्त है । यह प्रकृति से निर्बुद्धि तथा सहयोग से बुद्धिमान् माना जाता । इसका प्रादिभाग श्रेष्ठ, मध्यभाग साधारण और अन्त भाग उत्तम होता है । ग्यारहवां विजय नामक मुहूर्त्त है । यह समस्त कार्यों में अपने नाम के अनुसार विजय देता है । बारहवाँ नैर्ऋत् नाम का मुहूर्त्त है, जो सभी कार्यों के लिए साधारण होता है । तेरहवां वरूण नाम का मुहूर्त्त है, जिससे कार्य करने से धनव्यय तथा मानसिक परेशानी होती है । चौदहवां अर्यमन् नामक मुहूर्त्त है, यह सिद्धिदायक होता है
SR No.090544
Book TitleVrat Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Ritual_text, Ritual, & Story
File Size21 MB
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