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________________ 김 - २६ फातयतयता मूर्ख समझा है सो वह मूर्ख नहीं बड़ा भारी बुद्धिमान है । कुमारने जो जो बातें कही थीं उनका खुलासा इसप्रकार है उस कुमारने जो आपको मामा कहकर पुकारा था उसका मतलब यह था कि संसार में भानजा अत्यंत माननीय और प्रिय होता है इसलिये मामा कहकर कुमारने आपके विशिष्ट प्रेम की आकांक्षा की थी। जिह्वारथका अर्थ कथा कौतुहल है। कुमारने जो जिह्वा रथ कहा था वह भी उसका कहना बहुत उत्तम था क्योंकि जिससमय सज्जनपुरुष मार्गमें थक जाते हैं उस समय वे उस थकावटको अनेक प्रकारके कथा कौतुहलोंसे दूर करते हैं । कुमारका लक्ष्य भी उससमय थकावट दूर करने का ही था । कुमार जो नदीके जलमें जूता पहिनकर घुसा था वह कार्य भी उसका एक बड़ो बुद्धिमानीका था क्योंकि जलके अन्दर बहुतसे कंकड़ पत्थर और सर्प आदि जीव रहते हैं जो कि सूझ नहीं पड़ते, यदि जूता पहिनकर जलमें प्रवेश न किया जाय तो कंकर पत्थरों के लगजानेका और सांप आदि के काटनेका भय रहता है इसलिये कुमारका जलमें जूता पहिनकर प्रवेश करना मूर्खताका कार्य न था । कुमार वृक्षके नीचे जो छत्री तानकर बैठा था वह भी उसका कार्य बुद्धिमानीका था क्योंकि वृतके ऊपरसे पक्षियोंकी वीट आदिका गिरना संभव है। छत्रीसे बचाव हो सकता है। नगरको देखकर कुमारने जो यह प्रश्न किया था कि यह बसा हुआ है वा उजडा हुआ है वह प्रश्न भी कुमारकी वडी बुद्धिमत्ताका था क्योंकि जिस नगरमें धर्मात्मा मनुष्य और धर्म के आयतन विद्यमान हों वह नगर बसा हुआ माना जाता है और जिसमें ये बातें न हों वह उजड़ा समझा जाता है कुमारका तात्पर्य इसी बात को लेकर था। स्त्रीको बाँधकर मारते देख जो कुमारने यह पूछा था कि यह स्त्री बंधी हुई है वा छूटी हुई है ? यह प्रश्न भी. कुमारका बडी चतुरताका था. क्योंकि बंधी हुईका अर्थ विवाहित है और छूटी हुई का अर्थ अविवाहित है । कुमारका यस्य पुर
SR No.090538
Book TitleVimalnath Puran
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size14 MB
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