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संधि १०
सेणिय सुय-वारिसेण - जोय-साहणं
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सिरिसेवि बेह्मण देविश
काले जंतें मल- बिलउ । संजणिय णामैं भणियउ
वारिसे सु गुण - निलउ ॥ रायरोहि पक्ष साहिय- रायड़ो । वारिसेणु सुड सेणिय-रायहो ॥ सण-ना-चरित-समिद्धउ | पालिय-वासु पसिद्धउ ॥ एयंत्ररु निसि पडिमा - जोएँ । अच्छ पिउवर्ण पाव- विओएँ । तम्सि चेय नयर म्मि सत्तासउ । अस्थि चोरु विज्जुनचर - नामउ ||
भण-मोहणाइ बहु-विज्जउ । अंजण सिद्ध कयं व विज ॥ साहस-पउ बहु-वस'मार्फत | गणिया सुंदरि गणिया कंतर ॥ एक्कहिं दियहि जाम तह मंदिरु | जाइ निखहिं सो नवगादिरु || ताम भज पेच्छ विच्छाई । विराय - चंद चंद्रम नं राई ॥ पुच्छिय मन्त्रावि वराणणि । ag समोर काहूँ अकारण || भाइ गणिया सुंदरि दुल्लह न तुज्वरि कोहु हु बल्ल ॥