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हिन्दी अनुवाद
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परमेश्वर, अब हम पापिष्ठोंकी रक्षा कीजिए। तब चन्दनाने कहा - इस संसारमें यथार्थतः कौन दुर्जन है और कौन सज्जन है ? धर्म से ही सबका भला ऐसा है, और पाप ही लोग बुरा करनेवाला बन जाता है। यह वार्ता दशों दिशाओं में फैल गयी। तब राजश्रीके धनी चन्दनाके बन्धुबान्धव भी परमानन्द सहित वहाँ आये। उन्होंने परमात्मा वीर भगवान्की वन्दना की। उन जिन भगवान् के चरण-कमलोंमें बैठकर एक व अनेक भेद रूप बारह प्रकारका महान् घोर तप उसी क्षण चन्दनाने स्वीकार कर लिया ||५||
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इति चन्द्रा तपग्रहण विषयक पंचम सम्धि समाप्त सन्धि ॥ ५ ॥