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________________ गरीबी के चित्र २१७ गुण ६४ गुणग्राहक बनो ! १०६ गुणग्राही के अभाव में १११ उपय १९३ गुणशून्य नाम ११४ गुगज १०३ गुणी १०४ गुणों का नाश एवं प्रकामा १०२ ६ गुणों का महत्व गुणों में दोष जितेन्द्रिय जिह्वा ढोंग और ढोंगी तेजस्वी पुरुष दरिद्र दरिद्रता दाता दाता के उदाहरण दान दान की प्रेरणा दान को महिमा दान के भेद दान में विवेक दृष्टिदोष एवं उसके आश्चर्य दुर्जन (दुष्ट) १२३ २५८ २८५ ३३ ७५ २१६ २२१ १३६ १४२ १४३ १४६ ક્** १५२ {૨ { १२४ १५ } दुर्जनों का स्वभाव दुर्जनों के साथ व्यवहार दुर्जन संग परित्याग दुनियाँ के बड़े धनी १६ दुष्टों का सुधार कठिन दोष धन न का खजाना (अमेरिका में) धन का उत्पादन न का उपयोग धन की निन्दनीयता धन का प्रभाव धन की भूख धनवान धन के विविधरूप धनिकों को स्थिति धीरपुरुष धूर्त- दगाबाज धैर्य न्यायाजित धन निर्धन और निर्धनता निर्बल निरुपकारी प्रत्युपकार- उपकार का बदला परदोष १५ २६ २२ २१० २७ ११६ १७५ १८३ १८० १५१ १६१ १७८ १७६ २०५ १८४ २१२ ६८. ३१ ७० १९५. २१३ पद १३५ १३० १२१
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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