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________________ २३६ २२३ २२७ वक्तृत्वकला के बीज [ भाग ६ ] अकारादि क्रम-विषयानुक्रमणिका अद्भुतबलिष्ठ व्यक्ति आत्मा की महिमा २६६ अधम (नीच) पुरुष आत्मा की शाश्वतता अन्धा २६३ आदि अन्याय का धन आय अपव्यय-निषेध इन्द्रिय २७२ अभयदान १५४ इन्द्रिय-दमन २७६ आत्मचिन्तन २६४ इन्द्रियों को शक्ति २७४ आत्मदमन उन्म-युग्म मात्मप्राप्ति २५६ उत्तम पुरुषों का स्वभाव ६३ आरमरक्षक २५२ उत्तावल यात्मरक्षा उदार और उदारता १३८ आत्मविजय उधार २३० आत्मविश्वास उपकार (अहसान) आत्मसम्मान २५३ कान और बधिरता आत्मशुद्धि कायर आत्मज आख कृतज्ञता और कृतज्ञ आत्मा कृपण आत्मा का कतत्व कुपात्रदान आत्मा का दर्शन कुलीन-पुरुष आत्मा का स्वरूप कुसंगति का असर आत्मा के भेद २७० कुसंगति से हानि आत्मा का ज्ञान गरीब और गरीबी २५० २६२ २५४ to ૨૭ tel E कृतन २४१ E २३७ २१५
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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