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वक्तृत्वकला के बीज
मरवा दिया। कवि के पुत्र को जब यह समाचार सुनाया गया तो उसने निम्नलिखित छन्द रचकर लोगों को चकित कर दिया ।
देवन को दरबार भयो जब
पिंगल काहू सो अर्थ दियो न गयो,
तब नारद ने परसंग बतायो ॥ मृत्युलोक में गंग गुनी इक,
ताहि को नाम सभा में सुनायो । चाह भई परमेश्वर के तब,
गंग कु लेन गणेश पठायो ||३||
छन्द बनाय सुनायो ।