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________________ २६४ वक्तृत्वकला के बीज ६. तुर्की के इसतम्बूल शहर में रहने वाला अहमद नामक ___ व्यक्ति सो को जीवित ही निगल जाता है । --विचित्रा, वर्ष ३, अंक ४, १९७२ १०. इंजेक्शन द्वारा काले नाग का विष निकालने वाले वैद्य वि. सं. १६६ की बात है। हम कई साधु कारणवश सुजानगढ़ में ठहरकर दवा ले रहे थे। वहाँ चोपड़ा औषधालय में एक काला नाग निकला । बड़नगर वाले बैद्यश्रीभगवतीप्रसाद जी ने उसे पकड़ा एवं इंजेक्शन द्वारा उसकी दाढ़ से जहर निकाला । आश्चर्यचकित सैकड़ों लोगों ने उरा चमत्कार को देखा । पूछने पर वैद्यजी ने कहा-काले साँप का ऐसा शुद्ध जहर मिलना बहुत मुश्किल है । यह समय पर अमृत का काम करता है । मरते समय जब मनुष्य की जबान बन्द हो जाती है, इसकी एक मात्रा देने पर तत्काल मनुष्य एक बार बोलने लग जाता है। -धनमुनि ११. विचित्र सर्प फार्म चलाने वाले अमेरिकन नवयुवक अमेरिकन नवयुवक विटेकर शैम्यूलस-जिन्हें बचपन से ही सांडों से अपूर्व स्नेह रहा है. केवल ६ वर्ष की आयु में ही सा:ों मे ऐसे हिल-मिल गये थे मानो वे उनके अंतरंग साथी हों। सांपों के साथ इतना निकट का लगाव होने के कारण व १६६३ मे १९६५ तक मियामी के विश्वविख्यात सर्प-अनुसन्धान फाम में सहकारी डाइरेक्टर का कार्य करते रहे । १६७० वर्ष के आरम्भ में विटेकर को अन्तर्राष्ट्रीय पशु
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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