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________________ = रच वेबसृत्वकला के बीज है । पृथ्वी की तरह अन्य ग्रह भी सूर्यमण्डल के चारों ओर घूम रहे हैं । सूर्य से इनकी दूरी निम्न प्रकार है दूरी (मोलों में) ग्रह बुध शुक्र पृथ्वी मंगल बृहस्पति शनि अरुण वरुण करोड़ ६० लाख करोड़ ७३ लाख करोड़ ३० लाख करोड १७ लाख करोड़ ३० लाख करोड़ ७१ लाख १७८ करोड ५० लाख २७० करोड़ ७० लाख ३४७ करोड़ ३ ६ १४ ४८ ८८ हमको यह भी जान लेना चाहिए कि सूर्य का आकर्षण इन ग्रहों से भी करोड़ों मील दूर तक है। पर वहां कोई ग्रह नहीं है। सूर्यमंडल ६०० करोड मील लम्बा है और उतना ही चौड़ा है । यह गोला इस ब्रह्माण्ड (जिसे आकाशगंगा कहते हैं) के चारों ओर घूम रहा है । इसे अपना एक चक्कर पूरा करने में ३" करोड़ : ७ लाख २० हजार वर्ष लगते है | इस ब्रह्माण्ड के बाहर हमारा सूर्यमण्डल अकेला ही नहीं है ऐसे डेढ़ अरब सूर्यमण्डल घूम रहे हैं। हमारा यह सूर्यमण्डल उन सबसे छोटा है। पूर्वोक्त सूर्यमण्डल के बीच में घूमता हुआ हमारा यह सूर्यमण्डल ऐसा प्रतीत होता है, मानो हजारों मील प्रतिघंटा
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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