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वक्तृत्वकला के बीज ४. तिहि ठाणेहिं लोगंधयारे सिया, -अरिहंतहि बोच्छि
ज्जमाणेहि, अरिहन्त पन्नत्ते धम्मे वोच्छिज्जमाणे, पुव्व. गए वा वोचिछज्जमाणे।
...स्थानाङ्ग ३१ तीन कारणों से लोक में अन्धकार होता है । १. अरिहन्तभगवान् का विच्छेद होने से, २. अरिहन्तप्ररूपित-धर्म का विच्छेद होने से
३. पूर्वी के ज्ञान का विच्छेद होने से ।