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________________ भूखा १. भुम्ला मा रूखा। --राजस्थानी कहावत २. भूख्ये भक्ति न थाय मुरारी, न थाय जरारी। ___-गुजराती कहावत ३. भूखा भजन न होय गोपाला ; ले ले अपनी कंठी-माला । -राजस्थानी कहावत ४. दिड ना पईयां रोटीयां, सबे गल्ला बोटीयां । -पंजाबो कहावत ५. भूग्बी कूतरी भोटीला खाय । ६. भूरूपाने शुं लूखं । --गुजराती कहावततें ७. कोफतारा नातिही कोफतरत । - पारसी कहावत मूले के लिये मुस्थी रोटी भी मिठाई के बराबर हैं । ८. भूखो धायर्या पतीज । -राजस्थानी कहावत १. भूखो मारवाड़ी गावे, भूखो गुजराती सूवे, भूम्बो बंगाली भात-भान पुकारे । १०. हाथ सूको र टाबर भूखो। -राजस्थानी कहावते ११. बुभुक्षितः किं विकरेण भृङ्क्ते । भूया वयः दो हाथों से खाता है !
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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