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वक्तृत्वकला के बीज
स्वजन के मरने पर भी सूतक होता है तो फिर सुर्व के अस्त होने पर (मर जानेपर) भोजन कैसे किया जाए ? सूर्य अस्त होने के बाद मार्कडेय ऋषि ने पानी को खून एवं अन्न कों मांस के समान कहा है , क्योंकि रात्रिभोजन में आसक्त व्यक्ति के ग्राम में किसी जीव का मांस खाया जाने से पानी खून एवं अन्न मांसवत् हो जाता है ।