________________
चस्तन्न कला के बील
मनुष्यों का आहार चार प्रकार का कहा है(१) असम-दाल-रोटी-भात आदि । (२) पान-गानी आदि पेय पदार्थ । (३) खादिम-फल-मेवा आदि । (४) स्वाविम-पान-सुपारी आदि मुंह माफ करने की चीजें । देवताओं का आहार धार प्रकार का कहा है(१) अच्छे वर्णवाला, (२) अच्छी गन्धवाला, (३) अच्छे
रसवाला, (४) अच्छे स्पर्शवाला । ६. नव विगईओ पण्णताओ, तं जहा-खीर, दहि, रणवणीयं,
सप्पि, तिल्ल, गुलो, महु, मज्ज, मसं। -स्थानांग ६।६७४ नव विकृत्तियां-विगय कही हैं-१ खीर-(दूध), २ दही ३ मक्खन, ४ घी, ५ तेल, ६ गुह, ७ मय-शहद ८ मद्य, ६. मांस । मक्खन मद्य, मांस, मधु-इन चारों को महाधिगय भी कहा हैं।