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पांचवा भाग : दूसरा कोष्ठक
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(३) बराबर-बराबर घो-मधु (शहद)। (४) त्राय के पीछे ठण्डा पानी-ककड़ीतरबूज आदि । (५) खरबूजा और दही। (६) मूली और खरबूजे के साथ मधु ।
-कविराज हरनामदास ७. स्नानं कृत्वा जलः शीत-हागं भोक्त न युज्यते ।
-विवेकविलास ठण्डे जल से स्नान करके गरम-द्रव्य न खाए । ८. ठंडो न्हावं तातो खावे, त्यारे वेद कदे नहीं आवे । ६. ऊभो मृतं सूतो खाव, तिरणरो दलदर कद न जावं ।
---राजस्थानी कहावत