________________
भोजन
१. शतं विहाय भोक्तव्यं, सहस्रस्न नमानरेन् ।
गौ काम छोड़कर माना चाहिए और हजार काम छोड़कर नहाना
चाहिए। २. चही हांडी ने ठोकर नहीं माररणी । ३. और बात खोटी, सिर दाल-रोटी। -राजस्थानी बहायतें ४. यदि भोजन मिलता रहे तो सब दुःम्ब सहे जा सकते हैं। , ५. चारु कदेई हारू को हुवेनी। राजस्थानी कहावत ६. तीन महीनों में मनग्य अपने शरीर के वजन जितना भोजन कर लेता है।
—एक अनुभवी ७. भोजन का पाचनकाल :-- पदार्थ
घंटे पदार्थ घंटे उसले चावल
कच्चा -दूध
मक्खन साबूदाना
गोभी
गाजर, मूली, भटर ३ आहारो, मधुन, निद्रा, सेवनात् नु विवर्धने । आहार, मथुन और निद्रा, सेवन करने से इन तीनों में वृद्धि होती है।
जौ
मालू
दूध