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चौथा भाग : पहला कोष्ठक
२. कहा जाता है कि फारस में मिरजा मुहम्मद बीन बजाकर
बुलबुलों को सचेत तथा अचेत कर देत थे। बैजूबावरा मालकोश राग गाकर हिरणों को आकृष्ट
कर लेते थे। • तानसेन मेघमल्हार गाकर पानी बरसा देते थे एवं
दीपकराग से दीपक जला देते थे। ३. तानसेन के गुरु स्वामी हरिदासजी ने प्रभुभक्ति में लीन
होकर एक बार ऐसा गीत गाया, जिसे सुनकर शहनशाह
अकबर आनन्दमग्न होकर मूच्छित हो गया। ४. मदनमोहन चटर्जी ने तीन वर्ष दो महीने की आयु में
ताल-स्वर संयुक्त सर्वप्रथम गाना गाया एवं श्रोताविस्मित हुए। सात वर्ष की आयु में वे अच्छे गये
बन गये। ५. गोगो गायो र गीतां रो छेह आयो ।
---राजस्थामी कहावत ६. गोत के १८५ अङ्ग--
सप्त स्वरास्त्रयो मामा, मुच्छनाश्चैकविंशतिः । तालास्त्वेकानपञ्चाशत्, तिस्रो मात्रा लयास्त्रयः ।। स्थानत्रयं यतीनां च, षडास्यानि रसा नव । रागाः विशतिर्भावा-श्चत्वारिशत्ततः स्मृताः ।। पञ्चाशीत्यधिक ह्य तद्, गीताङ्गानां शतं स्मृतम् । स्वयमेव पुर। प्रोक्त भरतेन श्रुतेः परम् ।।
-पछतन्त्र २५३-५४-५५