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________________ शेषा भाग : पहला कोष्ठक पापियों को इसलिए कि वे पाप से निवृत्त हो, और मियों को इसलिए कि वे धर्म में सदा सुदृढ़ रहें । __-आचार्य श्रीतुलसी १८. नीति का उपदेश दो तो संक्षेप में दो। -हारेस है आधा घंटा से ज्यादा उपदेश देने के लिए आदमी या तो खुद फरिश्ता हो या सुनने के लिए फरिश्ता रखे। -हाइट फील्ड १० हजार टन उपदेश देने को अपेक्षा एक ओंस पालन करना श्रेष्ठ है। - विवेकानन्द हम उपदेश देते हैं टन भर, सुनते हैं मन भर, और ग्रहण करते हैं कण भर । –अलबर १२. जैसा हम कहते हैं, वैसा करना चाहिए; जैसा करते हैं, वैसा नहीं। ___ - वॉकेशियो १३. परोपदेशे पाडित्यं से ही दरिद्रता आती है। – रामतीर्घ १४. एक पढ़े-लिखे बाबू नाव द्वारा नदी पार कर रहे थे। उन्होंने नाविक से पूछा--- क्या तुम व्याकरण जानते हो ? नाविक-नहीं। बाबू-तुम्हारी चार आने जिन्दगी निकम्मी है। थोड़ी देर बाद क्या तुम्हें काव्य करना आता है ? नाविक नहीं।
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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