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________________ १२ उपदेश १. जो उपदेश आत्मा से निकलता है, वही आत्मा पर सबसे ज्यादा कारगर होता है । - फुलर २. वह उपदेश उत्तम नहीं, जिसे सुनकर श्रोता लोग बातें एवं वक्ता की तारीफ करते जाए, बल्कि उत्तम तो वह है, जिसे सुनकर विचारपुर्ण एवं गंभीर होकर जाए, तथा एकान्तवास की तलाश करें । - विशेष बनेंट ३. मेरे उपदेशों में खास बात यह है कि मैं सख्त दिल को तोड़ता हूं, और टूटे हुए को जोड़ता हूं । - जॉनन्यूटन ४. मुझे वह उपदेश पसन्द है, जो मेरे लिए बोलता है, न कि अपने लिए। जिसे मेरी मुक्ति बांछनीय है, न कि अपनी थोथी शान | - मेसीसम ५. किसी उपदेशक के दोषों पर प्रायः जल्दी ही ध्यान आकर्षित होता है। - लम्बर ६. कोई अच्छा उपदेश दे, उसका मानो ! लेकिन वह क्या करता है, उसे मत देखो ! जैसे हलवाई की मिठाई लेते हैं, किन्तु यह नहीं देखते ही हलवाई खाता है या नहीं । उपवेशदान- ७. उपदेश पापियों और धर्मियों दोनों को देना चाहिए। १८ | मह
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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