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वक्तृत्वकला के बीज
फकीर मिल तो इब्राहिम- ऐसे तो कुत्ते भी होते हैं ।
फकीर - तो ?
इब्राहिम - मिला तो बांट खाया, नहीं तो संतोष | १०. जे भिख्खू अन्नउत्थियं वा गारत्थियं वा असणं पाणं खाइ देइ देयतं वा साइज्जइ ।
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नहीं तो संए ।
- निशीष १५७८
जो साधु अन्यतीर्थिक या गृहस्य को असन आदि दे या देते ए को अच्छा समझे तो उसे चातुर्मासिक प्रायश्चित आता है ।