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________________ कतिपय जगत्प्रसिद्ध संत-महात्मा १६ १. श्रमण भगवान महावीर जैन सिद्धान्तानुसार आप चौबीस तीर्थङ्करों में से अंतिम तीर्थंकर थे । इस समय आपका ही शासन चल रहा है । आप का जन्म क्षत्रियकुड नगर में चैत्र शुक्ला १३ को हुआ था। माता का नाम त्रिशला और पिता का नाम सिद्धार्थ था । जबसे आप गर्भ में आये तभी से उत्तरोत्तर अन्नघनादि की वृद्धि होने लगी । व मान रखा । युवावस्था प्राप्त राजकन्या से आपका विवाह हुआ । अतः पिता ने होने पर आपका नाम यशोदा नाम की जाने लगे, तब इन्द्र जब आप तपस्यायं वन की ओर ने आपको उपस्थ अवस्था में उपसर्गों से सुरक्षित रहने में सहायता देना चाहा पर आपने कहा- मुझे किसी दूसरे का सहारा नहीं चाहिए । सुनकर इन्द्र चकित हुआ और आपको 'महावीर' के नाम के संबोधित किया । आपका तपस्याकाल बहुत लम्बा चला - १२ वर्ष १३ पक्षों में आपने केवल ११ मास २० दिन आहार लिया । आपके तपस्याकाल में बड़े- बड़े उपसर्ग आए, परन्तु आप मेवत् अचल रहे | आखिर कर्म शत्रु हारे और वैशाख शुक्ला १० को आप केवलज्ञानी बने । २६७
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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