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________________ स्थविर १. सन्मार्ग से गिरते हुए अनुष्य का स्थिर करनेवाले व्यक्ति स्थविर कहलाते हैं। दसविहा थेरा पण्णत्ता, तं जहा-गामथेरा, णगरथेरा, रट्ठथेरा, पसत्थथेरा, कुलथेरा, गणथेरा, संघथेरा, जाइथेरा, सुयथेरा, परियायथेरा। -स्थानांग १०७६१ तथा समवायाङ्ग १० स्थविर दस प्रकार के कहे हैं—(१) ग्रामस्थविर, (२) नगरस्थविर, (३) राष्ट्रस्थविर, (४) प्रशास्त्स्थ धिर, (५) कुलस्थविर, (६) गणस्यविर, (७) मंघस्थविर, (८) जातिस्थावर, (६) श्रुतस्थविर, (१०) पर्यापस्थविर । ३. समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे थेरा भग वंतो जाइसंपण्णा कुलसंपण्णा बलसंपण्णा रूवसंपण्णा विणयसंपण्णा णाणसपण्णा दंसणसंपण्णा चरित्तसंपण्णा लज्जासंपण्णा लाघवसंपण्णा, ओयंसी तेयसी बच्चसी जसंसी, जियकोहा जियमागा जियमाया जियलोभा जियइदिया जियणिद्दा जियपरीसहा, जीवियासमरण भयविष्पमुक्का, वयप्पहाणा "मंतप्पहाणा वेयप्पहाणा बंभ
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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