SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 194
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चौथा भाग : तीसरा नोष्ठक १६५ १३. मिस रो-मिसरी कह्या स्यू मुह मोठो को हुवे नी । -राजस्थानी कहावत १४. लड्डू की बातों से मुंह मीठा नहीं होता, कम्बल की बातों से सर्दी नहीं उड़ती, व्यापार को बातों से लखपती नहीं बना जाता, विवाह की बातों से बहू घर नहीं आती, राज्य की बातों से राय नदी मेला दिसा की सातों से विद्वान् नहीं बना जाता । व्रतों को बातों से श्रावक नहीं होता अपितु तदनुसार क्रिया करने से इच्छित वस्तु की प्राप्ति होती है। --एक विचारक 47. Fine werds belter no Purs neurs. फाइन अर्डस बेटर नो पर्स नियम । --अंग्रेजी कहावत साली बातों से पेट नही भरता। कहाँ सूखी बातों से हो रेल-पेल, खली पेलने से न निकलेगा तल । न बाले बनाकर ही बहलाओ जी ! के पानी बिलौने से निकले न घी । अमल के मुताबिक सिला हो मुदाम, के इमली से इमली हो, आमों से आम ।। -उ शेर
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy