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चौथा भाग: तीसरा भाग
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ने गांधीजी की जीवनचर्या एवं उनको अहिंसा का विवेचन किया। बच्चे इससे काफी प्रभावित हुए और कहने लगे, पिताजी आज से हम लोग भी मांस नहीं खाएँगे । पादरी महोदय घबराए और उस दिन से गांधीजो को निमन्त्रण देना हो बन्द कर दिया।
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